महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई बीमा सखी योजना देशभर में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। यह योजना खासतौर पर उन महिलाओं के लिए है, जो अपने ही क्षेत्र में काम करके नियमित आय का साधन बनाना चाहती हैं।
एलआईसी के सहयोग से चलाई जा रही इस योजना से अब तक दो लाख से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं। ये महिलाएं हर महीने हजारों रुपये की कमाई कर रही हैं और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
दिसंबर 2024 में हुई थी योजना की शुरुआत
बीमा सखी योजना की शुरुआत 9 दिसंबर 2024 को की गई थी। लॉन्च होते ही इस योजना को महिलाओं से अच्छी प्रतिक्रिया मिली। कम समय में ही बड़ी संख्या में महिलाओं ने इसमें पंजीकरण कराया।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक करीब 2.05 लाख महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य रोजगार के साथ-साथ बीमा जागरूकता को बढ़ाना है।
लोकसभा में सरकार ने दिया अपडेट
हाल ही में लोकसभा में बीमा सखी योजना को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित जवाब में योजना की प्रगति के आंकड़े पेश किए।
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में बीमा सखियों को कुल 62.36 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। यह आंकड़ा योजना की सफलता को दर्शाता है।
2025-26 के लिए बड़ा बजट तय
सरकार और एलआईसी ने आने वाले समय में इस योजना को और विस्तार देने का फैसला किया है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बीमा सखी योजना के तहत 520 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
14 जुलाई तक इस बजट से 115.13 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है। इससे यह साफ है कि योजना को लंबे समय तक जारी रखने की तैयारी है।
बीमा सखी योजना क्या है
बीमा सखी योजना के तहत महिलाओं को एलआईसी का बीमा एजेंट बनने का अवसर दिया जाता है। वे अपने क्षेत्र में लोगों को बीमा पॉलिसी की जानकारी देती हैं और पॉलिसी करवाती हैं।
इसके बदले उन्हें एलआईसी की ओर से कमीशन मिलता है। यह काम महिलाएं अपने समय और सुविधा के अनुसार कर सकती हैं।
तीन साल तक हर महीने स्टाइपेंड
इस योजना की खास बात यह है कि इसमें सिर्फ कमीशन पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। शुरुआती तीन वर्षों तक महिलाओं को हर महीने निश्चित सहायता राशि भी दी जाती है।
पहले साल में 7000 रुपये, दूसरे साल में 6000 रुपये और तीसरे साल में 5000 रुपये प्रति माह मिलते हैं। इससे शुरुआती समय में आय की स्थिरता बनी रहती है।
भविष्य में पक्की नौकरी का रास्ता
बीमा सखी योजना सिर्फ अस्थायी कमाई तक सीमित नहीं है। यह महिलाओं के लिए एलआईसी में स्थायी करियर का रास्ता भी खोलती है।
जो महिलाएं ग्रेजुएट हैं और योजना के अंतर्गत पांच साल की सेवा पूरी कर लेती हैं, वे अप्रेंटिस डेवलपमेंट ऑफिसर पद के लिए आवेदन कर सकती हैं।
अच्छा प्रदर्शन करने वालों को अतिरिक्त लाभ
जो बीमा सखी अच्छा प्रदर्शन करती हैं, उन्हें अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दिया जाता है। इससे महिलाओं में बेहतर काम करने की प्रेरणा मिलती है।
यह व्यवस्था योजना को और प्रभावी बनाती है तथा महिलाओं को लंबे समय तक इससे जुड़े रहने के लिए प्रोत्साहित करती है।
10वीं पास महिलाओं के लिए भी अवसर
इस योजना की बड़ी खासियत यह है कि इसमें न्यूनतम योग्यता ज्यादा नहीं रखी गई है। केवल 10वीं पास महिलाएं भी इसके लिए आवेदन कर सकती हैं।
योजना में 18 से 70 वर्ष की उम्र की महिलाएं शामिल हो सकती हैं। इससे ग्रामीण और निम्न आय वर्ग की महिलाओं को भी लाभ मिलता है।
चयन के बाद दी जाती है विशेष ट्रेनिंग
चयनित महिलाओं को एलआईसी की ओर से खास प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें बीमा से जुड़ी जानकारी और ग्राहक से संवाद करना सिखाया जाता है।
इस ट्रेनिंग के बाद महिलाएं आत्मविश्वास के साथ बीमा एजेंट के रूप में काम कर पाती हैं।
निष्पक्ष चयन प्रक्रिया पर जोर
बीमा सखी योजना में चयन प्रक्रिया को पारदर्शी रखने का प्रयास किया गया है। जो महिलाएं पहले से एलआईसी एजेंट हैं या एलआईसी कर्मचारियों की करीबी रिश्तेदार हैं, उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया है।
इससे नई और योग्य महिलाओं को समान अवसर मिल सके।
ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष फोकस
एलआईसी ने ग्रामीण इलाकों में इस योजना को मजबूत करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ समझौता किया है। इससे गांवों में बीमा जागरूकता बढ़ रही है।
साथ ही ग्रामीण महिलाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार और सम्मानजनक आय का अवसर मिल रहा है।